जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर आरोप है कि प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा था कि ‘मरे मुलायम कांशीराम, प्रेम से बोलो जय श्रीराम’। इसके आलावा सत्संग में एक जाति विशेष को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने प्रयागराज के बारा निवासी प्रकाश चंद्र की ओर से दाखिल याचिका पर अधिवक्ता बीएम सिंह और अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी को सुनकर दिया है।

Petition filed against Rambhadracharya's sharp speech rejected

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के तीखे बोल के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दी। हाल ही में उनका एक प्रवचन देते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। आरोप है कि इसमें उन्होंने कहा था कि ‘मरे मुलायम कांशीराम, प्रेम से बोलो जय श्रीराम’। इसके आलावा सत्संग में एक जाति विशेष को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने प्रयागराज के बारा निवासी प्रकाश चंद्र की ओर से दाखिल याचिका पर अधिवक्ता बीएम सिंह और अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी को सुनकर दिया है। इससे पहले याची ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर इलाहाबाद जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने याची की 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दाखिल अर्जी को पोषणीयता के आधार पर खारिज किया था।

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