ट्रांजिट कैंप और आसपास की धर्मशालाओं में ठहरे तीर्थयात्री अब जल्द ही चारधाम जा सकेंगे। दरअसल, शासन ने प्रतिदिन 3,000 यात्रियों के अस्थायी पंजीकरण करने के निर्देश दिए हैं। पहले यह संख्या 1,000 थी। रविवार को 3,000 पंजीकरण किए गए।

23 और 24 मई को चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में 1,000-1,000 तीर्थयात्रियों का अस्थायी पंजीकरण किया गया। 25 मई को यह संख्या बढ़ाकर 2,000 कर दी गई। 26 मई से यह 3,000 कर दी गई। यह संख्या बढ़ने से जहां ऋषिकेश में ठहरे तीर्थयात्रियों का चारधाम जाने का इंतजार खत्म होगा वहीं यात्रा रोटेशन समिति को भी राहत मिलेगी। बिना पंजीकरण के यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा पर जा रहे उत्तर प्रदेश के 18 तीर्थयात्रियों को वापस लौटा दिया गया। पर्यटकों ने ऋषिकेश स्थित यात्रा कार्यालय में फोन पर बताया कि उन्होंने हरिद्वार के ट्रेवल एजेंट से कार बुक कराई थी। उनके पास बदरीनाथ और केदारनाथ का पंजीकरण था। हरिद्वार के पर्यटक ने उन्हें सलाह दी कि वह दो धामों के पंजीकरण के आधार पर चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। 26 मई को बदरीनाथ, 28 को केदारनाथ के दर्शन करने थे। यमुनोत्री से पहले डामटा चेक पोस्ट पर चेकिंग के दौरान उन्हें वापस लौटा दिया गया। अब ऋषिकेश पहुंचकर वह दोबारा पंजीकरण कराएंगे।

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