सिख समाज के चौथे गुरु गुरु रामदास के 450वें गुरुत्ता गद्दी शताब्दी और महापुरुषों की स्मृति में 69वीं 101श्रीअखंड पाठ की लड़ी और 19वें महान कीर्तन दरबार का आयोजन कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में हजूरी रागी भाई शुभदीप सिंह (दरबार साहिब), प्रिंसिपल सुखवंत सिंह और भाई हरजिंदर सिंह खालसा (जालंधर वाले) ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। निर्मल संतपुरा आश्रम के संचालक संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि संतों महापुरुषों की संगत में जीवन सफल होता है। जब अपने अंदर से अरदास करोगे तो गुरु तक पहुंचती है। अपने मन को गुरु चरणों में लगाओ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि संत महापुरुष भक्त और भगवान के बीच की कड़ी हैं। इस अवसर पर बाबा अवतार सिंह अमृतसर वाले, बाबा परमजीत सिंह, बाबा कुलविंदर सिंह, संत बलजिंदर सिंह शास्त्री, संत तरलोचन सिंह, संत मंजीत सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी विष्णुदास, स्वामी सुदीक्षण मुनि, अशोक शर्मा आदि मौजूद रहे।