गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन विंध्याचल धाम का पूरा परिसर भक्तों से पटा रहा। मां के जयघोष के साथ मंत्रोंच्चार के बीच यहां का माहौल भक्तिमय हो गया था। इस बीच भक्तों ने विशेष पूजन कर पुण्य लाभ कमाया।
गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन विंध्याचल धाम स्थित मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन-पूजन करने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार को भक्तों ने विधि-विधान से मां के चरणों में मत्था टेककर सुख और समृद्धि की कामना की। देवी के पूजन-अर्चन का भोर से शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा। घंटा, शंख व माता के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा था। देवी उपासकों के लिए गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व बताया गया है। साधक लोग इन नौ दिनों में मां विंध्यवासिनी देवी का पूजन, यज्ञ-अनुष्ठान नवरात्र की तरह ही करते हैं। इस बार आषाढ़ मास का गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से 15 जुलाई तक प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जा रहा है। विंध्याचल के पावन दरबार में वर्तमान समय में कई यज्ञ और अनुष्ठान चल रहे हैं तथा मां के दर्शन के लिए मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसी प्रकार का माघ मास में प्रतिपदा से नवमी पर्यंत नौ दिवसीय अनुष्ठान होता है तथा चैत्र एवं आश्विन मास में प्रत्यक्ष नवरात्र मनाया जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष में शाकंभरी नवरात्र तांत्रिक लोग मनाते हैं।