अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इंडोनेशियन रुद्राक्ष की 151 मालाओं से मंत्रों का जप किया जाएगा। इसके लिए काशी से इन मालाओं को मंगाया जा रहा है। इसके साथ ही 151 गोमुखी भी मंगाई जा रही हैं। अयोध्या के एक आचार्य ने बताया कि पूजन के लिए 151 पान और अतिथियों को बांटने के लिए एक हजार पान भी काशी से आ रहे हैं। पान के पत्तों के बिना धार्मिक अनुष्ठान पूरे नहीं होते हैं। पान के अंदर और बाहरी हिस्से में भगवान विष्णु और भगवान शिव वास करते हैं। साथ ही पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कुश, छत्र, चंवर, पूजा, डोलची भी काशी से ही आ रही है। माला से लेकर सभी चीजें 15 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगी। इसके अलावा इस अनुष्ठान में देश के चारों कोनों के आचार्य शामिल होंगे और आहुतियां डालेंगे।

इन जगहों से आ रहे आचार्य
महाराष्ट्र-15, पश्चिम बंगाल-4, असम-2, दिल्ली-1, गुजरात-2, राजस्थान-1, मणिपुर-1, केरल-1, उड़ीसा-1, कर्नाटक-5, मध्यप्रदेश-4, कांची तमिलनाडु-15, आंध्रप्रदेश-2 तेलंगाना-1, बिहार-4, अयोध्या-5, नेपाल-2, काशी-30

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