कुरुक्षेत्र। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अंतरराष्ट्रीय श्रीमदभगवद गीता जयंती समारोह के उपलक्ष्य में गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ एवं विगत एक वर्ष से अनवरत चल रहे दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति वैदिक परंपरा के साथ गीता जयंती के पावन पर्व पर

संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद , अति विशिष्ट अतिथि स्वामी नारायण गुरुकुल अहमदाबाद के प्रमुख सद्गुरुशास्त्री श्री माधव प्रिय दास महराज, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डाॅ. श्रीप्रकाश मिश्र, विशिष्ठ अतिथि पटियाला के बाबा भूपिंदर सिंह ने संयुक्त रूप से यज्ञ कुंड के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया। कार्यक्रम में ज्योतिसर तीर्थ की नित्य स्वच्छता सेवा करने वाले सफाई कर्मियों को मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा स्वच्छता प्रहरी के नाते डाॅ. मिश्र ने सम्मानित किया।

सभी सफाई कर्मियों द्वारा विश्व मंगल महायज्ञ में गीता के श्लोकों से आहुति दी गई। मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के विद्यार्थियों ने सस्वर गीता के श्लोकों से संपूर्ण ज्योतिसर तीर्थ को गुंजायमान कर दिया। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा भगवदगीता ने सदैव अपने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया है। गीता ने खोए हुए लोगों को जीवन की राह पर मार्गदर्शन किया है और लोगों की दृष्टि को पुनर्निर्देशित किया है स्वामी ज्ञानानंद ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन गीता के मूल्यों एवं शिक्षाओं को आत्मसात कर लोकमंगल एवं विश्वमंगल के कार्यों में समर्पित है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा ज्योतिसर तीर्थ में विगत अनेक वर्ष से वटवृक्ष के समक्ष दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ वास्तविक रूप से एक बेमिशाल कार्य है। अध्यक्षता करते हुए संस्थापक डाॅ. मिश्र ने कहा श्रीमद्भगवद गीता मानव जीवन की वास्तविकताओं से शुरू होती है और आदर्शों के अंतिम शिखर पर विजय प्राप्त करती है। कार्यक्रम में वीरेंद्र गोलन, गुरुदासपुर से जनक शर्मा, बक्सर, बिहार से महात्मा जय प्रकाश सहित देश के अनेक प्रांतों से गीता प्रेमी, श्रद्धालु, संत महत्मा, विभिन्न धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ।

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