पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन तिल द्वादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी की ही तरह ये तिथि भी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। तिल द्वादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। साथ ही इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद तिल के दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन जो लोग पूजा पाठ करते हैं, उनके सभी पाप मिटते हैं और कष्ट दूर होते हैं। यहां जानिए तिल द्वादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
तिल द्वादशी व्रत 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि 18 जनवरी बुधवार को शाम 04 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 19 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर आज यानी 19 जनवरी को तिल द्वादशी का व्रत रखा जा रहा है।
तिल द्वादशी 2023 पूजा विधि
- आज स्नान आदि करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा शुरू करें।
- सबसे पहले पीले फूल, माला चढ़ाएं। इसके बाद पीला चंदन, अक्षत चढ़ाएं।
- फिर तिल, तिल के लड्डू, पंचामृत, मिठाई आदि चढ़ाकर घी का दीपक, धूप, नैवेद्य आदि से विधिवत पूजा कर लें।
- इसके साथ ही विष्णु चालीसा, स्तोत्र के साथ पूजा का समापन करें।
तिल दान का महत्व
तिल द्वादशी के दिन तिल दान का बहुत अधिक महत्व होता है। आज पूजा के बाद तपस्वियों को तिल का दान करें। शास्त्रों में मान्यता है कि इस दान से व्यक्ति को नरक का मुख नहीं देखना पड़ता। ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है।