रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने के दौरान करीब 400 श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी बने। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं।

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधी विधान से ब्रह्म मुहूर्त में पांच बजे खोल दिए गए हैं। रुद्रनाथ मंदिर को चारों ओर से गेंदे के फूलों से भव्य सजाया गया है। उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित रुद्रनाथ मंदिर बुग्यालों के मध्य स्थित है।

गोपेश्वर के समीप सगर गांव से जंगल और बुग्यालों से होते हुए 24 किलोमीटर की लंबी पैदल दूरी पार करते हुए रुद्रनाथ मंदिर जाया जा सकता है। बुधवार को दोपहर बाद रुद्रनाथ की उत्सव डोली ने रुद्रनाथ मंदिर में प्रवेश किया। कपाट खुलने के दौरान करीब 400 श्रद्धालु रुद्रनाथ पहुंचे हुए हैं। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं।
इस बार रुद्रनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा आचार्य पंडित हरीश भट्ट को सौंपा गया है। वहीं आज द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट भी विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद छह माह तक धाम में ही आराध्य की पूजा होगी। बाबा मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंच गई थी।

By Tarun

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