बदरीनाथ धाम के कपाट आज 8 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 6.15 बजे खोल दिए गए। अगले छह महीने श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस मौके का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं। रविवार सुबह बदरीविशाल मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा। धाम में पहली पूजा और महाभिषेक पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से किया गया। उनकी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित किया गया।
कपाट खुलने के अवसर पर भगवान बदरीविशाल को शीतकाल के दौरान औढ़ाए गए घी से लेपित उनके कंबल का प्रसाद वितरित हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। बदरीनाथ धाम के साथ ही आज सुबह 6.15 बजे सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम के कपाट भी खोले गए। रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी द्वारा स्त्री वेश धारण कर गर्भ गृह से सर्वप्रथम मां लक्ष्मी को परिक्रमा स्थल में लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया। इसके बाद उद्धव जी व कुबेर जी, गरुड़ जी को गर्भ गृह में स्थापित किया गया। शंकराचार्य जी की गद्दी को मंदिर परिक्रमा स्थल पर विराजमान किया गया।
कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए तड़के से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई थी। ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। बदरीनाथ धाम नारायण के जयकारों से गुंजायमान रहा, मंदिर में कपाट खोलने की प्रक्रिया के दौरान धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित वेदपाठियों ने मंत्रोचारण किया। बता दें कि शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची थी।

By Tarun

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