गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हुआ। इसके बाद छह मई को बाबा केदारनाथ के कपाट सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर खोले गए। आज भगवान बदरीनाथ के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
बदरीनाथ धाम

ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे खोल दिए गए। अगले छह महीने श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस पावन मौके का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं।

रविवार सुबह बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा। धाम में पहली पूजा और महाभिषेक पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से किया गया। उनकी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित किया गया।

शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची।

कुबेर जी की डोली ने किया बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश

कुबेर जी की डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव पहुंची थी। रविवार को सुबह पांच बजे कुबेर जी की डोली ने बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया। बदरीनाथ-केदरनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, बदरीनाथ के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के साथ ही अन्य बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दीस्थल और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया।

प्रक्रिया

सुबह 5 बजे : बदरीनाथ के दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर जी की डोली ने किया प्रवेश।
सुबह 5:15 बजे : विशिष्ट व्यक्तियों का गेट नंबर तीन से मंदिर में प्रवेश।
सुबह 5:30 बजे : रावल, धर्माधिकारी व वेदपाठियों का उद्धव जी के साथ मंदिर में किया प्रवेश।
सुबह 6 बजे : रावल और धर्माधिकारियों द्वारा द्वार पूजन।
सुबह 6:15 बजे : श्रद्धालुओं के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट खुले।
सुबह 9:30 बजे : गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की पूजा शुरू हुई।

By Tarun

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