चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई है। केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्तूबर सुबह 8.30 बजे बंद होंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के 25 नवंबर अपराह्न 2.56 बजे, यमुनोत्री धाम के 23 अक्तूबर को दोपहर 12.30 और गंगोत्री धाम के 22 अक्तूबर दोपहर 11.36 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

उत्तराखंड के चारों धामों और पंच केदारों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तारीखें तय कर दी गई हैं। विजयदशमी और भैया दूज के पावन पर्व पर हुई पंचांग गणना के बाद इन धामों के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त निकाला गया। इस वर्ष की यात्रा का समापन 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ हो जाएगा, बाकी सभी प्रमुख धामों के कपाट इससे पहले ही बंद हो रहे हैं।
यमुनोत्री धाम
यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के शुभ पर्व पर 23 अक्तूबर को दोपहर 12:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद अगले छह महीनों के लिए मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में हो सकेंगे। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि 23 अक्तूबर, 2025 (संवत 2082, कार्तिक शुक्ल यम द्वितीय) को बृहस्पतिवार, विशाखा नक्षत्र, आयुष्मान योग और धनु लग्न में अमृत बेला पर कपाट बंद होंगे। कपाट बंद होने से पहले सुबह मां यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली खुशीमठ खरसाली गांव में अपने शीतकालीन प्रवास पर पहुंचेगी।
गंगोत्री धाम
गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्तूबर को अन्नकूट पर्व के शुभ अवसर पर सुबह 11:36 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालु गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में स्थित माँ गंगा मंदिर में उनके दर्शन कर पाएंगे।

बदरीनाथ धाम
बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 25 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे बंद कर दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को विजयदशमी पर कपाट बंद होने की तिथि घोषित की गई। कपाट बंद होने से पहले होने वाली पंच पूजाएं 21 नवंबर से शुरू होंगी। बृहस्पतिवार को बदरीनाथ मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट और अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना कर बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तय की। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद होने की तिथि घाेषित की।