15 मार्च से परंपरानुसार ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में बदलाव होगा। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक आरतियों के समय बदला रहेगा। 

Baba Mahakal adorned with peacock feather garland and necklace in Bhasma Aarti

श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे हुई भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन-अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। मोर पंख के मुकुट और माला से बाबा महाकाल को सजाया गया, इसके बाद उन्हें भस्म रमाई। इस दौरान हजारों भक्तों ने दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष किया।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर आज बुधवार सुबह 4 बजे बाबा महाकाल जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद, सबसे पहले बाबा को गर्म जल से स्नान करवाया गया, फिर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया।

इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद बाबा महाकाल का मोर पंख से आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर दर्शन किए। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।

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