अयोध्या। रामकोट स्थित श्रीपीठम सरयू निकुंज मंदिर में सोमवार से ब्रह्मोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। रंगभरी एकादशी पर शुरू हुए उत्सव को लेकर मंदिर से सरयू तट तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। भगवान लक्ष्मीनारायण की चल प्रतिमा को पालकी पर सवार कर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान जमकर अबीर-गुलाल उड़ाया गया, भक्त झूमते नजर आए। मंदिर के पीठाधीश जगद्गुरु रघुनाथ देशिक के पावन सानिध्य में निकली शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए सरयू तट पहुंची। जहां भगवान के विग्रह का सरयू जल व अन्य द्रव्यों से अभिषेक किया गया। देर शाम मंदिर में रंगभरी बधाई का आयोजन हुआ। भगवान के ब्रह्मोत्सव को समर्पित भजनों के गीत प्रस्तुत किए गए। जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य ने बताया कि भक्त विभिन्न पर्वों पर अपने आराध्य को शामिल करना नहीं भूलते। भगवान के वार्षिकोत्सव को ब्रह्मोत्सव के रूप में मनाए जाने की परंपरा है। शोभायात्रा व भगवान का अभिषेक आराध्य के प्रति आस्था व समर्पण व्यक्त करने का माध्यम होता है। शोभायात्रा में आचार्य विनोद रोकड़िया, कथा प्रवाचक पद्मेश सहित बड़ी संख्या में विभिन्न प्रांतों से आए भक्तगण शामिल रहे। 

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