जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की बीते दिनों सड़क हादसे में मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से वृंदावन लाया गया। उनके पार्थिव शरीर को वृंदावन प्रेम मंदिर में रखा गया है। जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी और जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरपर्सन डाॅ. विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सोमवार को दिल्ली से वृंदावन लाया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को जगद्गुरु धाम प्रेम भवन के हॉल में रखा गया है। यहां कृपालु महाराज और विशाखा के अनुयायी अंतिम दर्शन करेंगे। 28 नवंबर को वृंदावन में यमुना तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। डॉ. विशाखा त्रिपाठी (78) अपनी बहन श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी, सचिव दीपक और अन्य 5 लोगों के साथ सिंगापुर जाने के लिए वृंदावन से रविवार सुबह कार से निकली थीं। वह जैसे ही नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में पहुंचीं, तभी एक अनियंत्रित कैंटर ने टक्कर मार दी। हादसे में डॉक्टर विशाखा की मौत हो गई थी, जबकि उनकी दोनों बहन और अन्य लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेज दिया। वह रात ढाई बजे वृंदावन के प्रेम मंदिर से निकलीं थीं। हादसे की जानकारी मिलते ही ट्रस्ट से जुड़े लोग अपोलो अस्पताल पहुंच गए। जिसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की गई।

हालांकि उनका पार्थिव शरीर रविवार को ही वृंदावन लाया जाना था देर होने के बाद उनका पार्थिव शरीर सोमवार को दिल्ली से वृंदावन लाया गया। बड़ी दीदी के नाम से विख्यात डा. विशाखा का पार्थिव शरीर दोपहर करीब तीन बजे वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर के पिछले भाग में स्थित सभागार में एंबुलेंस से गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचा जिसके बाद पार्थिव शरीर को अनुयायियों के दर्शन के लिए प्रेम मंदिर परिसर में स्थित आश्रम में रखा गया है। ट्रस्ट के प्रवक्ता अजय त्रिपाठी ने बताया कि यहां अगले दो दिन उनके अंतिम दर्शन होंगे। डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए प्रबंधन व्यवस्था करने में जुटा है। मंदिर परिसर स्थित बड़े हॉल में इंतजाम किए जा रहे हैं। अंतिम यात्रा 28 नवंबर को प्रेम मंदिर से शुरू होकर वृंदावन में यमुना तट पर पहुंचेगी। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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