जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी महाराज जन्माष्टमी पर भक्तों को दिव्य दर्शन देंगे। जन्माष्टमी पर रात 1.55 बजे बांकेबिहारी की मंगला आरती की जाएगी। ये परंपरा वर्ष में सिर्फ एक बार ही निभाई जाती

मथुरा के वृंदावन में कृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी महाराज विशेष वस्त्रों को धारण करेंगे। सेवायत अपने आराध्य का अभिषेक करेंगे। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि 12 बजे ठाकुर जी के श्रीविग्रह का दूध, दही, बूरा, शहद और घी से अभिषेक होगा। इसके बाद ठाकुर जी को विशेष श्रृंगार धारण कराए जाएंगे।

मंदिर के सेवायत मनीष गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती की परंपरा नहीं है। यहां ठाकुर जी बाल स्वरूप में हैं और रात को निधिवन में रास रचाने जाते हैं। इसलिए सुबह उन्हें उठाया नहीं जाता। ठाकुर जी की मंगला आरती साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी के दिन होती है। इस दिन कान्हा ठाकुर जी बनकर रात में भक्तों को दर्शन देते हैं।

ठाकुर जी धारण करेंगे पीले वस्त्र

उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी महाराज का बालरूप में शृंगार कराया जाता है। इस अवसर पर ठाकुरजी पीले वस्त्र धारण करते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर वर्ष में एक बार ही ठाकुर बांकेबिहारी रात्रि को जगमोहन में विशेष रजत निर्मित सिंहासन पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

दर्शनों का यह क्रम नंदोत्सव के समापन तक चलता है। वर्ष में एक बार ही ठाकुरजी की मंगला आरती की जाती है। जन्माष्टमी पर रात करीब 1.45 बजे दर्शन खुलेंगे। इसके बाद  1.55 बजे मंगला आरती के दर्शन होंगे और विशेष थालों में ठाकुरजी को भोग भी निवेदित किए जाएंगे। हर बार की तरह इस बार भी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है।

 

 

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand