एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। मोक्षदा एकादशी, जिसे गीता जयंती भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था, जिससे इसे गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
मोक्षदा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार मोक्षदा एकादशी की तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर होगी, जो 12 दिसंबर की रात को 01 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर को रखा जाएगा।
मोक्षदा एकादशी पर शुभ योग
इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर को है। मोक्षदा एकादशी इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, जहां पर कई तरह के दुर्लभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। इस एकादशी पर रवि योग और वरीयान योग के साथ भद्रावास योग बनेगा। शास्त्रों में इस योग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।