सीतापुर के नैमिषारण्य में 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि पर 88 हजार तरह के पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। यह पौधे औषधीय गुणों और पर्यावरण को शुद्ध करने वाले होंगे। संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला हुआ।
कुलपति ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने पत्र भेजकर 88 हजार पौधों की की पहचान शास्त्रानुसार कराने के लिए विश्वविद्यालय से सहयोग की बात कही थी। प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी वन प्रभाग, सीतापुर बृजमोहन शुक्ल ने एक पत्र भेजकर सहयोग की मांग की है। विद्वतजनों की समिति गठित की जा रही है जो कि 18 पुराणों में वर्णित 88 हजार ऋ षियों के तपोभूमि पर जो 88 हजार वृक्ष थे उनका अध्ययन/अन्वेषण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उत्तर प्रदेश शासन के सीतापुर नैमिषारण्य धाम को विकसित किया जाएगा। बैठक में प्रो हरिशंकर पांडेय, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. हीरककांति चक्रवर्ती, प्रो. विजय कुमार पांडेय, डॉ. रविशंकर पांडेय मौजूद रहे।

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