घाटी पहुंचे भोपाल मध्य प्रदेश के संजीव कुमार और पलिया उत्तर प्रदेश के ललित नारायण का कहना है कि वे चार दिन से घांघरिया में रुककर घाटी खुलने का इंतजार कर रहे थे। घाटी में अभी प्रिमूला, पोटेटिला, वाइल्ड रोज, कोवरा लिलि सहित करीब 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं।

फूलों की घाटी

विश्व धरोहर फूलों की घाटी को बुधवार को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा ने घांघरिया चौकी से हरी झंडी दिखाकर घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल रवाना किया। पहले दिन घाटी में 75 पर्यटक पहुंचे। इनमें से कई पर्यटक घाटी खुलने का चार दिन से इंतजार कर रहे थे।

प्रकृति प्रेमियों के लिए बुधवार से फूलों की घाटी को खोल दिया गया है। बुधवार को सुबह सात बजे पर्यटकों का पहला दल रवाना किया गया। घाटी में अभी प्रिमूला, पोटेटिला, वाइल्ड रोज, कोवरा लिलि सहित करीब 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं। जुलाई और अगस्त महीने में घाटी अपने पूरे यौवन पर रहती है।
घाटी में आने के लिए यह समय सबसे मुफीद माना जाता है। इस समय यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। 87.5 वर्ग किमी में फैली यह घाटी जैव विविधता से भरी है। यहां प्राकृतिक तौर पर खिलने वाले फूलों के अलावा प्राकृतिक स्लोप भी पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।
फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि पहले दिन घाटी में जाने वाले 75 पर्यटकों में 12 स्पेन की महिला पर्यटक भी शामिल हैं। वहीं घाटी पहुंचे भोपाल मध्य प्रदेश के संजीव कुमार और पलिया उत्तर प्रदेश के ललित नारायण का कहना है कि वे चार दिन से घांघरिया में रुककर घाटी खुलने का इंतजार कर रहे थे। पर्यटकों के साथ गाइड के रूप में अनूप कुमार गए हुए थे।

By Tarun

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