प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। इसी बीच कुछ जगहों पर मलबा आने से सड़कें भी बाधित हो रही है। मानसून सीजन में तीसरी बार मौसम विभाग ने  प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने भारी बारिश की संभावना को देखते हुए सरकार, शासन, जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने की सलाह दी है

उत्तराखंड के चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में आज भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से   चालू मानसून सीजन में यह तीसरी बार है जब मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सुबह से प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है।

बारिश और भूस्खलन से गुरुवार को बार-बार बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित होता रहा। कर्णप्रयाग और लामबगड़ नाला में हाईवे कुछ देर के लिए बंद रहा, इसके बाद हाईवे खुलने पर वाहनों की आवाजाही सुचारु हुई। दूसरी ओर मलबा आने से कालसी चकराता में लंबा जाम लगा रहा। यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर मूसलाधार बारिश के कारण नदी नाले उफान पर आ गए, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।  यमुनोत्री हाईवे सहित कई संपर्क मार्ग बंद होने से आवाजाही बाधित है।

खनेडा स्लीपजोन के पास मलबा बोल्डर आने से यमुनोत्री हाईवे रात से बंद है। बारिश के बीच सुबह 8 बजे तक सोनप्रयाग 465 श्रद्धालु केदारनाथ के लिए रवाना किए गए। कुमाऊं में पंतनगर में और चौखुटिया में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 166 सड़कें बंद है। 45 सड़कों को खोलने का काम जारी है। इस काम में 182 जेसीबी मशीनों को लगाया गया।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह ने कहा कि बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। इस संबंध में राज्य सरकार व आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। मौसम विभाग ने बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए सरकार, शासन, जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने की सलाह दी है

 

 

By Tarun

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