मौसम विभाग के अनुसार, सभी जिलों में गरज के साथ बारिश की संभावना है। खासकर देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हो सकती है।

उत्तराखंड में मंगलवार को मौसम ने फिर करवट बदली। दोपहर को देहरादून में झमाझम बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार, सभी जिलों में गरज के साथ बारिश की संभावना है। खासकर देहरादून, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हो सकती है। वहीं, प्रदेशभर में आज सुबह से ही बादल छाए हैं। मसूरी में घने बादल के साथ ही कोहरा भी छाया हुआ है।
प्रदेश में मंगलवार को पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। भूस्खलन और भारी मात्रा में मलबा आने के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 212 सड़कें बंद हो गईं। रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा कई जगह बिजली-पानी की लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है।
लोनिवि की ओर से मंगलवार शाम पांच बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में 14 स्टेट हाईवे, 10 मुख्य जिला मार्ग, छह अन्य जिला मार्ग, 79 ग्रामीण सड़कें और पीएमजीएसवाई की 100 सड़कें भूस्खलन और भारी मात्रा में मलबा आने से बंद हैं। मंगलवार को 66 सड़कों को ही खोला जा सका। जबकि 89 सड़कें बंद हुईं। इसके अलावा एक दिन पहले से 125 सड़कें बंद थीं। इस तरह से कुल 212 सड़कों को खोलने की कार्रवाई की जा रही है। इनमें 235 जेशीबी मशीनों को काम पर लगाया गया है।
वहीं, सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रुद्रप्रयाग में उत्तरकाशी-टिहरी-घनसाली-मयाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर स्थित 21 मीटर स्पान का स्टील गार्डर पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। यातायात को सुचारू करने के लिए वैली ब्रिज को बनाने की कार्रवाई की जा रही है। पिथौरागढ़ जिले में क्वीटी-बिर्थी – मुनस्यारी मोटर मार्ग पर भी एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। बीआरओ की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यातायात को डायर्वट किया गया है। जिले में कई जगह अतिवृष्टि से बिजली और पेयजल लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है
सिरोहबगड़ में चार घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित जोन सिरोहबगड़ अति संवेदनशील हो गया है। यहां हल्की बारिश में भी पहाड़ी से मलबे के साथ पत्थर भी गिर रहे हैं। मंगलवार को हाईवे चार घंटे बंद रहा। उधर, मयाली-चिरबटिया-घनसाली राज्य मोटर मार्ग बुरांशकांठा में सातवें दिन भी अवरुद्ध रहा। जिले में तिलवाड़ा-सौंराखाल संपर्क मोटर मार्ग भी बंद है।
मंगलवार को बदरीनाथ हाईवे सुबह 4 से 8 बजे तक अवरुद्ध रहा। वहीं, सिरोहबगड़ से आधा किमी आगे खांकरा की तरफ भी भारी मलबा आने से यातायात एक घंटे तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान वाहनों का संचालन डुंगरीपंथ-छांतीखाल-दैजीमांडा-खांकरा मोटर मार्ग से किया गया। राजमार्ग नौगांव और नरकोटा में भी खस्ताहाल हो रखा है। दूसरी तरफ मयाली-चिरबटिया-घनसाली राज्य मार्ग सात दिन से बंद पड़ा है। लोनिवि के सहायक अभियंता अजय थपलियाल ने बताया कि मलबे की सफाई लगभग हो चुकी है। अब, बोल्डरों को तोड़ा जा रहा है। इधर, तिलवाड़ा-सौंराखाल मोटर मार्ग जगह-जगह पर मलबा आने से बंद पड़ा है।
यमुनोत्री क्षेत्र के राना गांव में घुसा पानी
यमुनोत्री क्षेत्र से लगे राना गांव में सड़क का मलबा और पानी लोगों के घरों के आंगन तक पहुंच गया। पानी देखकर ग्रामीणों ने रात जागकर गुजारी। केदार सिंह चौहान का आवासीय मकान मलबे की चपेट में आने से परिवार सहित रातभर बाहर रहे। ग्रामीणों ने राना चट्टी दागुड़गांव निषणी निर्माणाधीन सड़क के ठेकेदार व विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। इस गांव में पहले भी कई बार मलबा आ चुका है। उधर, बारिश के कारण वन्य जीव विहार के नैटवाड़ बैरियर के पास करीब 25 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। मोटर मार्ग के बंद होने से गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के 42 गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। वहीं, भारी मलबा आने से सड़क पर खड़ा एक वाहन भी मलबे में दब गया।
कोटद्वार में मकान हुआ ध्वस्त
कोटद्वार के सनेहा भाबर के रतनपुर गांव में आज सुबह हुई भारी बारिश से बहेड़ा स्रोत उफान पर रहा। जिससे बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने से भवनों को क्षति हुई एक मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और कई मकानों को खतरा बना हुआ है। सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन एसडीएम तहसीलदार और राजस्व विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे उन्होंने मौका मुआयना किया और अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है।