स्वास्थ्य विभाग में 64 प्रतिशत महिला रोग विशेषज्ञ और 60 प्रतिशत बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के अभाव में नवजात एवं प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत हो रही है।

उत्तरकाशी जिले में एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर निशाना साधा है। माहरा ने कहा कि सरकार के पास धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान फूल बरसाने के लिए हेलीकॉप्टर है, लेकिन गंभीर बीमार की जिंदगी बचाने के लिए हेलीकॉप्टर नहीं है। पांच साल में 798 महिलाएं प्रसव के दौरान दम तोड़ चुकी हैं। इसके लिए राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं जिम्मेदार हैं।
माहरा कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जहां मातृ मृत्यु दर के मामले कम हो रहे हैं। वहीं उत्तराखंड में पिछले पांच साल में इसके मामले बढ़े हैं। इसमें उत्तराखंड देश में 18वें स्थान पर पहुंच गया है। पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां, अस्पतालों की दूरी, अस्पतालों में जरूरी सुविधाओं का न होना, विशेषज्ञ डॉक्टरों का न होना जैसी मुश्किलें हिमालयी राज्य की महिलाओं के सुरक्षित प्रसव में बाधा बन रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग में 64 प्रतिशत महिला रोग विशेषज्ञ और 60 प्रतिशत बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के अभाव में नवजात एवं प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत हो रही है। प्रदेश में वर्ष 2016-17 से 2020-21 के बीच कुल 798 महिलाओं ने प्रसव के दौरान या प्रसव से जुड़ी मुश्किलों के चलते दम तोड़ा है। वर्ष 2016-17 में राज्य में कुल 84 मातृ मृत्यु हुई। 2017-18 में 172, 2018-19 में 180, 2019-20 में 175 और 2020-21 में 187 महिलाओं ने बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में जान गंवाई। मीडिया से वार्ता के दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, मीडिया पेनलिस्ट गरिमा दसौनी, अमरजीत सिंह, दर्शन लाल आदि मौजूद रहे।
तो भोले बाबा ज्यादा खुश होते
माहरा ने कहा कि सरकार धार्मिक कार्यक्रमों में फूलों की वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, लेकिन ईश्वर के बनाए इंसान की सुरक्षा के लिए हेलीकॉप्टर नहीं हैं। मेरा माना है कि इंसान की सुरक्षा के लिए इनका इस्तेेमाल होता तो भोले बाबा ज्यादा खुश होते।
संघ ने कभी भी नागपुर स्थित अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया : माहरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा के घर-घर तिरंगा योजना पर कहा कि भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो राष्ट्रवाद की सबसे ज्यादा बातें करता है, दरअसल तिरंगा और भारतीय संविधान का प्रारंभिक विरोधी रहा है। 1950 से 2002 तक उसने कभी अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया, जबकि संघ से प्रतिबंध इसी शर्त पर हटाया गया था कि वह भारत के अधिकृत राष्ट्रध्वज एवं संविधान में आस्था प्रदर्शित करेगा। उन्होंने वहां पर सिर्फ भगवा ध्वज ही फहराया। फिर चाहे मौका स्वतंत्रता दिवस का रहा हो या गणतंत्र दिवस का।
सांविधानिक संस्थाओं का किया जा रहा दुरुपयोग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। सरकार के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ इन संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। कांग्रेस को जनता की आवाज उठाने से चुप नहीं कराया जा सकता है।