शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए 21 अप्रैल को बच्चों के प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी जो कि 20 जुलाई को पूरी हो गई थी। शिक्षा विभाग का अनुमान है कि अभी भी शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत आने वाले काफी संख्या में छात्र प्रवेश से वंचित रह गए हैं। इसी के मद्देनजर प्रवेश की प्रक्रिया को 5 अगस्त से दोबारा से शुरू करा दिया गया

शिक्षा का अधिकार के तहत मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए सरकार ने छात्र-छात्राओं को एक अवसर और दिया है। सरकार ने यह अवसर स्कूूलों में निर्धारित कोटे से कम प्रवेश होने के कारण प्रदान किया है। शुक्रवार को दोबारा से शुरू हो रही प्रवेश की यह प्रक्रिया 25 अगस्त तक चलेगी।

शिक्षा का अधिकार के तहत सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा आठ तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। इसी अधिकार के तहत शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए 21 अप्रैल को बच्चों के प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी जो कि 20 जुलाई को पूरी हो गई थी।
प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के कुल 13 जनपदों में 24 हजार 43 छात्र-छात्राओं ने शिक्षा का अधिकार के तहत प्रवेश के लिए प्रक्रिया को पूरा किया है, जिनमें कुल 12472 बालक व 11571 बालिका शामिल हैं।

शिक्षा विभाग का अनुमान है कि अभी भी शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत आने वाले काफी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित रह गए हैं। इसी के मद्देनजर आरटीई के तहत होने वाले प्रवेश की प्रक्रिया को 5 अगस्त से दोबारा से शुरू करा दिया गया है, जिससे प्रदेश के कई हजार वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलने की उम्मीद है।

मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती के मुताबिक शिक्षा का अधिकार के तहत प्रवेश से वंचित बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को एक अवसर और दिया गया है।

जनपद में 8688 बच्चों का हुआ है पंजीकरण

देहरादून जनपद में शिक्षा का अधिकार के तहत 2022-23 सत्र में 8688 छात्र-छात्राओं को पंजीकरण हुआ है, जिसमें 4457 बालक एवं 4231 बालिका हैं।

By Tarun

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