श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से लाए गए पूजित अक्षत कलशों का त्रिवेणी घाट पर विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया। उसके बाद उन कलशों को नगर क्षेत्र के अलग अलग मंठ मंदिरों में स्थापित किया गया। सभी क्षेत्रों से आई राम भक्तों की टोलियां ने बैंड बाजा के साथ नगर क्षेत्र में भ्रमण किया। त्रिवेणीघाट पर ब्राह्मणों ने विधिविधान से हनुमान चालीसा के साथ पूजित अक्षत कलशों का पूजन किया। बुधवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में स्वामी ह्रयग्रिवा आचार्य और स्वामी परमानंद ने कहा कि अयोध्या में बनाया जा रहा मंदिर हिंदू समाज की एकता का प्रतीक है। अगर हिंदू समाज एकत्रित न होता तो मंदिर का निर्माण होना संभव नहीं था।

नगर कार्यक्रम प्रमुख दीपक तायल ने बताया कि नगर के अलग-अलग क्षेत्र में पूजित मंदिरों में स्थापित अक्षत कलशों के माध्यम से श्री राम भक्त घर घर पूजित अक्षत का वितरण एक से 15 जनवरी तक करेंगे। 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाएगा।

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