प्रदेश में विभिन्न विभागों में अधिकारियों की डीपीसी पिछले आठ साल से लटकी हुई हैं। जिस पद पर डीपीसी होती है, उससे एक ऊपर के पद के अधिकारी का भी डीपीसी में मौजूद होना जरूरी है।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सचिवालय में अलग कार्यालय मिलने के बाद आठ-आठ साल का डीपीसी का इंतजार खत्म होने लगा है। शुक्रवार को भी आयोग ने चार विभागों की छह डीपीसी करते हुए 43 का प्रमोशन किया।
शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने डीपीसी की। इसमें आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार के अलावा आयोग के सदस्य डॉ. जेएमएस राणा, रायदत्त गोदियाल, डॉ. ऋचा गौड़ और सचिव कर्मेन्द्र सिंह शामिल हुए। डीपीसी में संबंधित विभागों के अधिकारी भी पहुंचे। आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि अब सचिवालय में डीपीसी होने से निश्चित तौर पर वर्षों से लटकीं हुईं पदोन्नतियां जल्द हो जाएंगी। इसके लिए विशेष ड्राइव चलाई जाएगी।
आठ साल से अटकीं पड़ी हैं डीपीसी
प्रदेश में विभिन्न विभागों में अधिकारियों की डीपीसी पिछले आठ साल से लटकी हुई हैं। जिस पद पर डीपीसी होती है, उससे एक ऊपर के पद के अधिकारी का भी डीपीसी में मौजूद होना जरूरी है। आयोग के हरिद्वार स्थित कार्यालय में डीपीसी की तिथियां तय होने के बाद भी अधिकारी समय से नहीं पहुंच पाते थे। इस वजह से डीपीसी अटकती रहती थीं।
इन विभागों की हुई डीपीसी
आबकारी विभाग-सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर और क्लर्क के कुल 12 पद
स्टांप रजिस्ट्रेशन- निबंधक लिपिक से उप निबंधक और निबंधक विधि से उप निबंधक के 11 पद
पंचायती राज- लेखाकार से कार्याधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी से कार्याधिकारी के दो पद
लघु सिंचाई- डिग्रीधारी जेई से एई, डिप्लोमा जेई से एई और बोरिंग टेक्नीशियन से जेई के कुल 18 पद