
ज्ञानवापी मस्जिद व विश्वेश्वरनाथ मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रही। मंदिर पक्ष की ओर तर्क दिया गया कि विश्वेश्वरनाथ मंदिर का स्वामित्व और बंदोबस्त का अधिकार भगवान विश्वेश्वरनाथ या काशी विश्वनाथ में समाहित है
इसका उल्लेख श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम 1983 की धारा में किया गया है। यह तर्क दिया गया कि जो लिंग इस मंदिर में स्थित है, स्वयंभू है और ज्योतिर्लिंग भी है। ज्योतिर्लिंग का लंबा धार्मिक इतिहास है, जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। अंजुमने इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।
दोपहर 12 बजे से शुरू हुई सुनवाई आधे घंटे से अधिक चली। कोर्ट के पास समय की कमी के कारण बहस पूरी नहीं हो सकी। इस वजह से सुनवाई के लिए छह जुलाई का समय निर्धारित किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पहले से पारित अंतरिम आदेश को 31 जुलाई 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर तब तक जारी रहेगी जब तक कि दलीलें समाप्त नहीं हो जातीं।