भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम, कोई दुश्मन कभी भूले से भी देख ले इधर, दीवारें हम बनेंगे मां, तलवारें हम बनेंगे मां, छू ले तुझको किसमें है दम।’ कुछ इसी भावना से पासिंग आउट परेड के दौरान कदम से कदम मिलाते और गर्व से सीना ताने 288 युवा जांबाजों की टोली जब ड्रिल स्क्वॉयर से गुजरी तो लग रहा था कि विराट सागर उमड़ आया हो।

देश की धड़कन अब इन युवाओं की सांस बन गई हो। दर्शक दीर्घा में उपस्थित सैन्य अधिकारियों और लोगों ने जोरदार तालियों से कैडेट्स का स्वागत किया। शनिवार सुबह भारतीय सैन्य अकादमी में सेना की साउथ वेस्टर्न कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल अमरदीप सिंह भिंडर समेत तमाम वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित परेड में पासिंग आउट बैच के जेंटलमैन कैडेट्स जोश व जज्बे से भरे थे।

देश-विदेश के मेहमान और कैडेट्स के स्वजन भी परेड देखने पहुंचे थे। उन्होंने दर्शक दीर्घा में बैठकर कैडेट्स का उत्साह बढ़ाया। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वॉयर पर ‘कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की, कौम पे लुटाए जा…’ की धुन पर कदमताल करते युवाओं का जोश व जज्बा बयां कर रहा था कि भारत माता की रक्षा के लिए ये हर पल हाजिर हैं।

आईएमए पासिंग आउट परेड 2022

इनके सामने अगर कोई दुश्मन आएगा तो वह खाक में ही मिलेगा। युवा जांबाजों ने कदम से कदम मिलाते हुए अंतिम पग पार किया। इस दौरान आर्मी एविएशन कोर के तीन हेलीकॉप्टरों ने भी आसमान से पुष्पवर्षा कर युवा सैन्य अधिकारियों का अभिनंदन किया। इसके बाद निजाम पवेलियन में संपन्न हुई पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद बतौर लेफ्टिनेंट सेना की विभिन्न रेजिमेंटों/यूनिटों में कमीशंड हो रहे इन नौजवानों ने माटी को चूमकर देश की रक्षा के लिए मर-मिटने की शपथ ली।
आईएमए पासिंग आउट परेड 2022

दिल्ली फार्म हर्रावाला निवासी वैभव नेगी शनिवार को आईएमए से पासआउट कर सैन्य अफसर बन गए। वैभव का परिवार मूल रूप से चमोली जिले के भगौली गांव का रहने वाला है। वैभव के पिता महिपाल सिंह नेगी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल तहसील में कार्यरत हैं। वैभव के बड़े भाई शशांक नेगी भी सेना में मेजर हैं।
आईएमए पासिंग आउट परेड 2022

उनके जीजा पारस बिष्ट भी सेना में मेजर हैं। वैभव ने कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई घोड़ाखाल (नैनीताल) सैनिक स्कूल से की। उसके बाद एनडीए में चयन हुआ। एनडीए खड़गवासला पुणे से तीन साल और आईएमए देहरादून से एक साल बाद वैभव सैन्य अफसर बन गए।
आईएमए पासिंग आउट परेड 2022

वैभव सफलता का श्रेय पिता महिपाल सिंह नेगी, माता कमलेश नेगी, दादी सुुुभद्रा नेगी, दादा स्वर्गीय त्रिलोक सिंह, भाई शशांक नेगी, जीजा मेजर पारस बिष्ट, बहन साक्षी नेगी बिष्ट के अलावा अपने शिक्षकों, मित्रों और सैन्य अधिकारियों को देते हैं।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand