भैरव की यह साधना शुक्रवार को भी अनवरत जारी रही। आम श्रद्धालुओं की तरह भैरवनाथ भी भगवान शिव की परिक्रमा करते लोगों को नजर आ रहे हैं। मंदिर के पुजारी प्रमोद गिरी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ जब बढ़ जाती है तो भैरव किनारे हो जाते हैं।

गया के दक्षिण क्षेत्र में स्थित भस्मकुट पर्वत पर अवस्थित आदिशक्ति पीठ मां मंगलागौरी मंदिर में एक भैरव के अद्भुत कार्य को देखकर यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ यहां के पुजारी व उनके परिजन भी काफी अचंभित हो रहे हैं। मंदिर प्रांगण में अवस्थित भगवान मंगलेश्वर महादेव मंदिर की परिक्रमा एक भैरव (सनातन में काला कुत्ता को भैरव कहा जाता है) बीते तीन दिनों से लगातार करते लोगों को नजर आ रहे हैं।

भीड़ कम होने लगती है भैरवनाथ जी की परिक्रमा शुरू हो जाती है
भैरव की यह साधना शुक्रवार को भी अनवरत जारी रही। आम श्रद्धालुओं की तरह भैरवनाथ भी भगवान शिव की परिक्रमा करते लोगों को नजर आ रहे हैं। मंदिर के पुजारी प्रमोद गिरी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ जब बढ़ जाती है तो भैरव किनारे हो जाते हैं। जैसे ही भीड़ कम होने लगती है भैरवनाथ जी की परिक्रमा शुरू हो जाती है।

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