श्रावण मास के अंतिम दिन कांवड़ मेले में नीलकंठ धाम में 60 हजार शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया। सुबह चार बजे से नीलकंठ धाम में श्रद्धालुओं का जलाभिषेक शुरू हुआ। कांवड़ मेले में अंतिम दिन नीलकंठ पैदल मार्ग और मोटर मार्ग पर शिव भक्तों की आवाजाही कम रही।
मंगलवार को अंतिम दिन नीलकंठ पैदल मार्ग और मोटर मार्ग से कांवडिए नीलकंठ मंदिर पहुंचे। मोटर मार्ग पर पैदल श्रद्धालुओं की अपेक्षा डाक कांवड़ियों की अधिक भीड़ रही। मंदिर परिसर में शाम होते-होते भीड़ न के बराबर हो गई।
सुबह से लेकर देरशाम तक मंदिर में करीब 60 हजार शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया। इसके बाद सभी शिव भक्त अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। पैदल मार्ग, मोटर मार्ग, तीर्थनगरी के गंगा घाट और तटों पर गिने चुने शिवभक्त ही दिखाई दिए। मंदिर के पुजारी शिवानंद गिरी ने बताया कि श्रावण मास के अंतिम दिन नीलकंठ धाम में अब कांवड़ियों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत कम थी। सुबह से लेकर शाम तक करीब 60 हजार शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। शाम के समय मंदिर में श्रद्धालुुओं की लाइन भी टूट गई। अब मंदिर परिसर में गिने चुने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीते 14 जुलाई से लेकर अब तक 11 लाख शिवभक्तों ने नीलकंठ मंदिर में जलाभिषेक किया है।
शिवालयों में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़
श्रावण मास के शिवरात्रि पर वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर और चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। सुबह से लेकर शाम तक मंदिर परिसर के बाहर शिवलिंग का जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की लंबी लाइन देखने को मिली। श्रद्धालु हाथों में गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल आदि लिए हुए नजर आए।