कोरोना कर्फ्यू के चलते बीते दो मई से बंद नीलकंठ धाम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है। मंगलवार को करीब 150 श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। नीलकंठ धाम में यात्रियों के चहलकदमी से व्यापारियों के चेहरे खिल गए।

मंगलवार को नीलकंठ धाम में अधिकांश श्रद्धालु अपने निजी वाहन से नीलकंठ धाम पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने भी दर्शन से पहले श्रद्धालुओं को कोविड-19 के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले मंदिर का एक कर्मचारी मुख्यद्वार पर श्रद्धालुओं को बिना सैनिटाइजेशन के प्रवेश नहीं करने दे रहे थे। इसके साथ ही मंदिर के पुजारी भी श्रद्धालुओं से मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए  अपील कर रहे थे।

मंदिर के पुजारी शिवानंद गिरी ने बताया कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए करीब 45 दिन बाद नीलकंठ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। कहा श्रद्धालुओं दोनों ओर से बने द्वार पर जलहरी में जलाभिषेक कर रहे हैं। धाम में श्रद्धालुओं की चहलकदमी होने से क्षेत्र की रौनक बढ़नी शुरू हो गई है। कहा कोरोनाकाल से पहले दस हजार से अधिक श्रद्धालु नीलकंठ धाम में दर्शनार्थ के लिए पहुंचते थे। उम्मीद है जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण कम होगा, वैसे ही धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी।

दर्शन के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य
नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालु सुबह नौ से शाम पांच बजे तक दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। मंदिर में प्रदेश सरकार की ओर से जारी कोविड-19 गाइड लाइन का सख्ती से पालन होगा।

 

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