बिशनपुर में गंगा में अवैध खनन करने पहुंचे लोगों को ग्रामीणों और मातृ सदन के संतों ने दौड़ा दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मातृ सदन के संतों और ग्रामीणों को बमुश्किल समझाया। इसके बाद ही संत और ग्रामीण लौट गए।बिशनपुर क्षेत्र में गंगा से अवैध खनन होता है। ग्रामीण कई बार इसका विरोध कर चुके हैं। लेकिन अवैध खनन बंद नहीं हो रहा है। बुधवार सुबह अवैध खनन से जुड़े कुछ लोग पोकलैंड, जेसीबी और डंपरों को लेकर बिशनपुर में गंगा से खनन करने पहुंच गए। ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई। बिशनपुर के पूर्व प्रधान सुखदेव पाल के नेतृत्व में कटारपुर, फेरुपुर, जियापोता, चांदपुर, पुरानी कुंडी, नई कुंडी गांवां के काफी ग्रामीण एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने सूचना मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद और उनके शिष्य दयानंद सरस्वती को दी।

ग्रामीण और मातृ सदन के संत खनन वाली जगह पहुंच गए। संतों ने खनन करने वालों से सरकारी अनुमति से संबंधित दस्तावेज मांगे। दस्तावेज नहीं दिखाने पर ग्रामीण भड़क गए और काफी भीड़ एकत्र हो गई। इससे अवैध खनन से जुड़े लोग वहां से भाग निकले। ग्रामीणों ने कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर अवैध खनन से जुड़े लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने स्वामी के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर फेरुपुर चौकी प्रभारी चरण सिंह चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बमुश्किल ग्रामीणों को शांत करवाया। वहीं स्वामी यतीश्वरानंद ने ग्रामीणों के आरोपों को बेबुनियाद ठहराया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनसे राजनीति द्वेष रखते हैं। अवैध खनन से उनका नाम जोड़कर बदनाम और राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना चाहते हैं।

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