महाकुंभ से आने वाले श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर दी गई है। अब दर्शन-पूजन के दौरान महाशिवरात्रि और सावन का प्रोटोकॉल लागू रहेगा।

प्रयागराज महाकुंभ से आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर 26 फरवरी तक रोक लगा दी गई। महाकुंभ से दस करोड़ श्रद्धालुओं के काशी आने का अनुमान है। अब महाकुंभ के दौरान वावा विश्वनाथ के झांकी दर्शन ही मिल सकेंगे। मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन का प्रोटोकॉल लागू रहेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नए साल से स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई थी। अब इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। एक से चार जनवरी के बीच ही 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। 2024 में रोजाना श्रद्धालुओं की औसत संख्या 1.70 लाख रहती थी, जो जनवरी 2025 में बढ़कर दो लाख औसत से ज्यादा हो चुकी है। क्या बोले मुख्य कार्यपालक अधिकारी
13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में दिव्य-भव्य महाकुंभ का आयोजन होगा। वहां से बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी आएंगे और बाबा के दर्शन करेंगे। इसलिए स्पर्श दर्शन पर रोक की अवधि बढ़ाई गई है। महाकुंभ के दौरान मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन का प्रोटोकॉल लागू रहेगा।