एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जनवरी को शाम 07 बजकर 27 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 21 जनवरी सायं 07 बजकर 28 मिनट पर होगा। इसीलिए उदयातिथि के अनुसार 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।
शास्त्रों में पौष माह के शुक्लपक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी बताया गया है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णुजी की विधि-विधान से पूजा करने का विधान है। इस साल पौष माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत 21 जनवरी दिन रविवार को रखा जाएगा। एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जनवरी को शाम 07 बजकर 27 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 21 जनवरी सायं 07 बजकर 28 मिनट पर होगा। इसीलिए उदयातिथि के अनुसार 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने से अग्निष्टोम यज्ञ का फल मिलता है एवं भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। संतान प्राप्ति की कामना के लिए इस व्रत को अमोघ माना गया है। इस व्रत को करने वाले भक्तों को न केवल स्वस्थ तथा दीर्घायु संतान प्राप्त होती है बल्कि उनके सभी प्रकार के कष्ट भी दूर हो जाते हैं। पौष पुत्रदा एकादशी सब पापों को हरने वाली उत्तम तिथि है।