इस पावन और आध्यात्मिक यात्रा में भक्तों ने हर-हर महादेव के नारे लगाए। मणिकर्णिकेश्वर महादेव में विधि-विधान से कई अनुष्ठान भी किए गए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी रुद्राभिषेक किए गए थे।

Varanasi News journey of 1,000 km in 100 days consecration of 100 Shivlingas Hari to Hari abode

100 दिन में एक हजार किलोमीटर की यात्रा के साथ ही 100 शिवलिंगों का रुद्राभिषेक पूरा हुआ। बाबा विश्वनाथ के धाम में संकल्प के साथ शुरू हुई एक वर्ष, एक संकल्प, एक रुद्राभिषेक यात्रा 100वें दिन मणिकर्णिकेश्वर महादेव के दरबार पहुंची। हर के धाम से शुरू होकर हरि के धाम तक यात्रा के दौरान आयोजकों ने एक हजार किलोमीटर की यात्रा भी पूरी कर ली है।

सोमवार को अभय संन्यास आश्रम गोमठ में 100वें दिन मणिकर्णिकेश्वर महादेव का अभिषेक हुआ। काशीखंड में वर्णित 100वें शिवलिंग का वेदोक्त विधि से रुद्राभिषेक किया गया। श्रावण पूर्णिमा के दिन नौ अगस्त को रुद्राभिषेक यात्रा की शुरुआत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक के साथ हुई थी। 

काशीपुरी के मध्य प्रतिष्ठित, सर्वश्रेष्ठ अविमुक्त भवन के पावन अंतर्गृह में, पूर्व-द्वार के दिव्य रक्षक स्वरूप भगवान विश्वेश्वर के अतीव प्रिय सखा श्रीहरि विष्णु द्वारा स्वयं स्थापित मुक्तिप्रद मणिकर्णेश्वर लिंग के केवल दर्शन और श्रद्धापूर्वक पूजन से मनुष्य को अर्थ, धर्म, काम तथा मोक्ष चारों पुरुषार्थों की परम सिद्धि उपलब्ध हो जाती है। 

365 दिन की यात्रा में प्रतिदिन एक देवलिंग पर वैदिक रुद्राभिषेक श्रद्धा और भक्ति के साथ चल रहा है। वैदिक विद्वान चंद्रशेखर द्राविड़ व अजय ने बताया कि अभी तक काशी के द्वादश ज्योर्तिलिंग, कृष्णेश्वर महादेव, यमेश्वर महादेव, रघुनाथेश्वर महादेव, गणेश्वर महादेव, चंद्रेश्वर महादेव, अमृतेश्वर, नीलकंठेश्वर, विशालाक्षेश्वर, धर्मेश्वर, ब्रह्मेश्वर, गोकर्णेश्वर और भारभूतेश्वर का अभिषेक हो चुका है।

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