अजबपुर खुर्द के शिव शक्ति मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया। दून पहुंचे शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी समारोह में शामिल हुए। यहां पारंपरिक वाद्ययंत्रों से उनका स्वागत किया गया। सोमवार को आयोजित समारोह में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड हर सनातनी का हृदय है। स्वयं मेरा शरीर चाहे कहीं भी रहे पर हृदय उत्तराखंड और ज्योर्तिमठ में ही रहता है। उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन के विषय पर चिंता जताई। कहा, वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्राचार कर जनहित में फैसला लेने के लिए कहेंगे। कहा कि जोशीमठ आदि शंकराचार्यजी की तपस्थली होने के साथ-साथ भगवान बदरी विशाल की यात्रा का मुख्य पड़ाव है। यदि जोशीमठ मुख्य धारा से कटता है तो यह सनातन धर्म की भावना पर प्रहार होगा।

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