हरिद्वार में शिव भक्तों का सैलाब: बह रही केसरिया बयार, कांवड़ियों की संख्या तीन करोड़ के पार, देखें तस्वीरें
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा 12 वें दिन अपने पूरे चरम पर रही। हरिद्वार शहर ही नहीं उससे बाहर भी कई किलोमीटर दूर तक भगवा रंग ही नजर आया। जहां तक नजर पहुंची वहां तक डाक कांवड़ यात्रियों के चौपहिया व दोपहिया वाहन ही नजर आए। सोमवार को 60 लाख शिव भक्तों ने गंगाजल भरकर अपने प्रदेशों के लिए वापसी की। अब तक 3 करोड़ 50 लाख 70 हजार श्रद्धालु वापसी कर चुके हैं। वहीं, पुलिस को यातायात व्यवस्था बनाने में पसीना बहाना पड़ा।
14 जुलाई को कांवड़ यात्रा शुरू हुई थी। यात्रा शुरू होने से पहले ही शिवभक्तों का यहां पहुंचना शुरू हो गया था। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं मिली थी। इस बार शासन और प्रशासन ने बिना किसी पाबंदी के कांवड़ यात्रा करने की अनुमति दे दी थी। पुलिस प्रशासन ने चार करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना जताई थ

शुरूआती दौर में ही उम्मीद से ज्यादा कांवड़िये गंगाजल लेने यहां आए थे। पंचक खत्म होने के बाद 20 जुलाई से तो जबरदस्त हुजूम उमड़ पड़ा था। गंगाजल लेने के लिए ऐसी भीड़ उमड़ी की तमाम व्यवस्थाएं कम पड़ गई।
कांवड़ यात्रा का अंतिम चरण भी सोमवार को पूरा हो गया। रविवार की तरह ही सोमवार को भी दिनभर हाईवे पर हाथों में गंगाजलि लेकर डाक कांवड़ियां अपने शिवालयों की तरफ प्रस्थान करते हुए नजर आए।

हरकी पैड़ी से लेकर मालवीय दीप घाट, शिव घाट, सुभाष घाट, कांगड़ा घाट, प्रेमनगर घाट, अलकनंदा घाट, बिरला घाट, प्रेमनगर घाट समेत अन्य घाटों पर स्नान करने के बाद कांवड़ियां गंगा जल लेकर अपने घरों के लिए निकलते रहे।
हाईवे और संपर्क मार्गों पर भाग भोले, पकड़ भोले व ले भोले की आवाज गूंजती रही। एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि दूर के अधिकतर कांवड़िया निकल चुके हैं। अब आसपास के जिलों के श्रद्धालु कांवड़ लेने आए हैं और मंगलवार दोपहर तक यह लोग भी वापसी कर लेंगे। पुलिस प्रशासन अब भी हर तरह से नजर बनाए हुए है।