आज (आठ अप्रैल को) सोमवती अमावस्या और संवत 2080 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य डॉ. मंजू जोशी ने बताया कि अमावस्या सोमवार को होने के चलते इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने की भी परंपरा है। इससे सभी कष्टों का नाश होता है। किसी कारणवश जो जातक गंगा स्नान नहीं कर पाते, वह किसी भी नदी या सरोवर आदि में स्नान कर सकते हैं। सोमवार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। अतः जो भी जातक भगवान भोले शंकर और देवी पार्वती की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सूर्य ग्रहण
आज संवत 2080 का अंतिम सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है, जो कि रात का समय होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही इसका कोई धार्मिक महत्व होगा, सूतक भी नहीं लगेगा। परंतु ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को सावधानियां बरतना आवश्यक है। किसी भी धारदार हथियार का प्रयोग ना करें, इसके अलावा ग्रहण काल में भोजन करने से बचें। गीता, सुंदरकांड तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। सूर्यग्रहण का समय रात 10:08 से मध्य रात्रि 1:25 तक है।