मुनि की रेती स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम गंगा रिजॉर्ट के समीप भरत घाट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन साधकों ने विभिन्न यौगिक क्रियाओं का अभ्यास किया। महोत्सव में देश-विदेश से आए साधकों को योगाचार्यों ने विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया। महोत्सव में साधकों ने द आर्ट ऑफ लिविंग और ईशा फाउंडेशन की ओर से आयोजित विशेष सत्र में प्रतिभाग किया।  रविवार सुबह सबसे पहले आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से साधकों को योग के विभिन्न आसान सिखाए गए। ईशा फाउंडेशन की ओर से साधकों को ध्यान लगाने की विधि का अभ्यास कराया। साधकों ने कई मिनटों तक ध्यान किया। मानस मेडिटेशन एंड प्राणिक निद्रा संस्था की ओर से विशेष सत्र आयोजित किया। सत्र में डाॅ. उर्मिला पांडे की ओर से साधकों को मेडिटेशन सेशन पर ही सबसे ज्यादा फोकस किया। महोत्सव में अनुष्का परवानी ने भी साधकों को योग ध्यान सिखाया। महोत्सव में डिस्कशन विद डेमोंस्ट्रेशन का भी एक विशेष सत्र रखा गया। प्रज्ञा योग की ओर से इस सत्र को संचालित किया गया। योग सत्र समाप्त होने के बाद आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से महोत्सव में भरत घाट पर भजन-कीर्तन का कार्यक्रम किया। योगाचार्य ने बताया कि तनाव और खिंचाव के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है। इस विधा को कॉरपोरेट जगत में भी अपनाया जा रहा है। संध्याकालीन गंगा आरती में साधक, योगाचार्य और स्थानीय लोगों ने प्रतिभाग किया। महोत्सव में सांध्यकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुजीत कुमार ओझा की ओर से सगुण-निर्गुण भक्ति धारा की प्रस्तुति दी। इसके इंदिरा नायिक ने त्रिलोचन की प्रस्तुति दी। जिसने दर्शकों का जमकर मनोरंजन हुआ।

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