कल्पवासी ज्ञान प्रकाश बताते हैं कि रविवार शाम करीब चार बजे का समय था। वह अपने शिविर में पत्नी के साथ मौजूद थे। तभी उन्हें आग लगी- आग लगी की आवाज सुनाई देने लगा। बाहर निकल कर देखे तो उनके सामने वाले कुटिया से धुआं निकल रहा था।

Fire In Mahakumbh Four and a half lakh rupees burnt, roamed around with burnt notes of Rs 50 thousand

सेक्टर 19 स्थित श्रीकरपात्र धाम के शिविर में कल्पवास कर रहे बनारस के ज्ञान प्रकाश शुक्ला का करीब चार लाख रुपये जलकर राख हो गए। आग को बुझाने के चक्कर उनकी दोनों हथेली और पत्नी गीता शुक्ला भी आग से झुलस गई हैं। कल्पवासी सुनीता चिल्लाते हुए कह रही थी कि मेरा टेंट जल रहा है, कोई मेरे पति को रोको वह आग बुझाने जा रहे है। कहीं आग में वह भी न जल जाएं।कल्पवासी ज्ञान प्रकाश बताते हैं कि रविवार शाम करीब चार बजे का समय था। वह अपने शिविर में पत्नी के साथ मौजूद थे। तभी उन्हें आग लगी- आग लगी की आवाज सुनाई देने लगा। बाहर निकल कर देखे तो उनके सामने वाले कुटिया से धुआं निकल रहा था। आनन-फानन मेें वह वहां रखे बालू और पानी से आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन थोड़ी ही देर में देखते देखते आग बिक्राल रूप धारण कर लिया और आग उनके शिविर को भी अपनी आघोष में ले लिया। आग बुझाते समय उनकी पत्नी गीता और दोनों लोगों के हाथ झुलस गए।वहीं आग बुझने के बाद ज्ञान प्रकाश अपने शिविर में रखे बक्सा को देखने के लिए पहुंचे तो वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। बक्से से जली हुई 100-100 और 500-500 की नोटों गड्डी निकली। उन्होंने बताया कि वह 10 जनवरी से ही महाराज जी के शिविर में कल्वास करने के लिए आ गए थे। करीब चार लाख रुपये शिविर में रखे हुए, जिसमें से करीब 50 ,000 जले हुए नोट मिले हैं। साथ ही शिविर में रखे गृहस्थी के सारा सामान जलकर राख हो गया।

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