दौसा डॉक्टर सुसाइड मामला और बीकानेर में धारा 144 लागू करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर भाजपा गहलोत सरकार पर लगातार जुबानी हमला बोल रही है। एक बार फिर सतीश पूनिया ने दौसा महिला डॉक्टर आत्महत्या मामले में कहा कि आखिर प्रदेश में चल क्या रहा है? प्रदेश के गृहमंत्री क्या सिर्फ कठपुतली हैं।
सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि एक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस का यह रवैया कि धारा 302 के तहत उस पर आपराधिक मामला दर्ज कर ले और वह भी सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर, क्योंकि कांग्रेस नेताओं का दबाव था। यह एक डॉक्टर का नहीं सिस्टम की हत्या है।
उन्होंने गहलोत सरकार से मांग की है कि महिला डॉक्टर आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच हो, जिससे दोषियों को सख्त सजा मिल सके। साथ ही चिकित्सा सहित सभी विभागों के कर्मचारियों के मनोबल बढ़ाने और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने पर राज्य सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। जिससे कर्मचारी कार्यस्थल पर बिना भय के कार्य कर सकें।
वहीं पूनिया ने बीकानेर में धारा 144 लगाने जाने पर कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त अशोक गहलोत सरकार को हिन्दू संस्कृति के सार्वजनिक कार्यक्रमों से आखिर क्या समस्या है? नव संवत 2079 और चैत्र नवरात्र के प्रारंभ होने से पहले ही बीकानेर में धारा 144 लगाने का क्या औचित्य? पहले कोटा में भी ऐसा तुगलकी आदेश निकाला था।