वाराणसी के सिंहवार के पास गंगा किनारे गंगबरार क्षेत्र में एक हेक्टेयर में अफीम की खेती हो रही थी, जिसे नारकोटिक्स टीम ने नष्ट कराया। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के सिंहवार गंगा की तलहटी में सरकारी जमीन पर तीन साल से अफीम की खेती की जा रही थी। पहले चार से पांच लोग ही अफीम की अवैध खेती करते थे। मोटी रकम कमाने के चक्कर में इस साल 12 से ज्यादा लोग इसकी खेती करने लगे थे। इन सब के मंसूबे पर रील बनाने वाले ने पानी फेर दिया।
दूसरे दिन भी अफीम की खेती कौतूहल का केंद्र बनी रही। नारकोटिक्स की लखनऊ और गाजीपुर की टीम ने भले ही एक हेक्टेयर में खेती नष्ट करा दी, लेकिन अभी तक कोई भी आरोपी सामने नहीं आया। नारकोटिक्स टीम अफीम को नष्ट कर लौट गई है। ग्रामीणों को कहना था कि अब देखना है कि नारकोटिक्स विभाग को सफलता मिलती है या मामला रफा-दफा हो जाता है।
उधर, जहां अफीम की खेती की गई थी, वहां दूसरे दिन गुरुवार को भीड़ लगी रही। वहीं, पुलिस की टीम ने भी सुबह से शाम तक तीन चक्कर लगाया। अफीम की खेती करने वालों पर कयासबाजी का दौर चल रहा है। उधर, नारकोटिक्स के अलावा चौबेपुर थाने की पुलिस भी आरोपी की तलाश में जुटी है। इस बारे में चौबेपुर थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा ने बताया कि जिस जमीन पर अफीम के पौधे लगे थे, वह किसी व्यक्ति के स्वामित्व की नहीं है। किसी ने भी इसकी शिकायत भी नहीं की। हालांकि मामले की जांच की जा रही है।