महाकुंभ के दाैरान काशी के संतों की प्रयाग नगरी में रवानगी शुरू हो चुकी है। यहां आयोजित धर्म संसद में देशभर के संत इस बार सनातन बोर्ड को लेकर रायशुमारी करेंगे। बोर्ड का गठन कैसे हो पर भी चर्चा होगी।

महाकुंभ में साधु-संतों की पेशवाई के साथ नगर प्रवेश शुरू हो गया है। देश-विदेश से उनके आने का सिलसिला भी शुरू है। अगले माह पौष पूर्णिमा से महाकुंभ का आगाज हो जाएगा। डेढ़ माह से चलने वाले महाकुंभ में होने वाले धर्म संसद में महामंडलेश्वर व श्रीमहंत बंगलादेश व पाकिस्तान में हिंदुओं की रक्षा का आह्वान करेंगे। काशी के भी अखाड़ों के साधु-संत भाग लेंगे। हिंदुओं की रक्षा के साथ सनातन बोर्ड के प्रस्ताव को पास कर इसको गठन करने की मांग करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अगुवाई में धर्म संसद होगा।
उम्मीद है कि अगले माह के अंतिम सप्ताह में होगा। इसमें 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और प्रतिनिधियों के अलावा शंकराचार्य भी भाग लेंगे। इस बार बंगला देश में हिंदुओं पर हो रहे हमले और मंदिरों को तोड़े जाने पर साधु-संत भी अपना एतराज जताते हुए धर्म व सनातन की रक्षा पर चर्चा करेंगे। इसके लिए सनातन बोर्ड गठित कर सनातन से जुड़े तमाम समस्याओं के निदान पर चर्चा करेंगे और सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखेंगे।
काशी में स्थापित श्री शंभूपंचदशनाम आह्वान अखाड़ा के श्रीमहत थानाति पटेश्वर भारती महाराज, अग्नि अखाड़े के थानापति ब्रह्मचारी श्यामानंद महाराज एवं जूना अखाड़े के प्रबंधक दिनेश मिश्र ने बताया कि कि धर्म संसद में बंगलादेश में हिंदुओं की सुरक्षा, सनातन बोर्ड के गठन, काशी, मथुरा, अजमेर व संभल सहित हिंदुओं के पुराने धार्मिक स्थलों को मुक्त कराए जाने सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी।
सनातन बोर्ड के लिए बने प्रारूप का प्रस्ताव भी पास कराकर इसके गठन पर जोर दिया जाएगा। इस पर शंकराचार्यों व 13 अखाड़ों के प्रमुख संतों सहित अन्य धर्मगुरुओं की राय ली जाएगी।प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजेंगे
सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग केंद्र सरकार से की जाएगी। महाराज धर्म संसद में इस प्रस्ताव पारित कर उसे केंद्र सरकार को भेजने की भी तैयारी है। धर्म संसद में अखाड़ों के महामंडलेश्वर, शंकराचार्यों के अलावा केंद्र सरकार के मंत्रियों व राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाने की तैयारी है।