सनातनी आस्था का प्रभाव विदेशों में बढ़ रहा है। कहते हैं कि काशी में किया गया पिंडदान और तर्पण पितरों को मुक्ति देने का माध्यम बनता है। घाट किनारे आए मैथ्यू को देखने के लिए तब भीड़ उमड़ी जब उसने तर्पण कर्म की शुरूआत की। जानकारी के अनुसार उसके पिता की मौत आस्ट्रेलिया में हुई थी और उनकी इक्षा थी कि काशी के घाट किनारे उनका तर्पण हो।

मोक्ष की भूमि, अर्पण की भूमि और तर्पण की भूमि है काशी। यहां पर पितरों के मोक्ष के लिए पूजन करने के लिए देश-विदेश से लोग आते रहते हैं। पुरखों को नमन और तर्पण करने का काम काशी की इस धरती पर किया जाता है। इस बार आस्ट्रेलिया नागरिक मैथ्यू काशी में चर्चा का विषय हैं। उन्होंने बुधवार को गंगा घाट पर तर्पण किया और कहा अब हर साल बनारस आकर अपने पिता का श्राद्ध कर्म करेंगे।
काशी पूजन के लिए सबसे उत्तम स्थान
काशी पहुंचे मैथ्यू ने कहा कि वे हर साल काशी में पितृ कार्य करने आयेंगे। उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने काशी आने का कारण बताते हुए कहा कि यह एक धार्मिक स्थल है। इसलिए यह किसी भी कर्म-कांड के लिए बेहतर स्थान है। लेकिन, पितृ कार्य और श्राद्ध कार्य यहां पर स्पेशल किए जाते हैं, जिसके लिए यह उत्तम स्थान है। बनारस मोक्ष धाम है।