चैत्र नवरात्र की शुरुआत आज से हो रही है। मां के प्रथम स्वरूप की पूजा अर्चना घट कलश स्थापना के साथ होगी। सोमवार को स्नान पर्व के बाद से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए देवी मंदिरों में पहुंचते रहे। वहीं व्यवस्थापक श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन के साथ ही मंदिर की सजावट में जुटे रहे। देर शाम कई शक्तिपीठ भव्य स्वरूप में सजकर तैयार दिखे। नवरात्रों के एक दिन पहले मां चंडी देवी, मनसा देवी, दक्षिण काली मंदिर को भव्य स्वरूप दिया गया। इन मंदिरों में रंग बिरंगी लाइटें और सुंदर फूलों के साथ माता रानी का दरबार सजाया गया। आने वाले श्रद्धालुओं को देवी के भव्य स्वरूप का दर्शन हो इसके लिए माता का भव्य शृंगार भी किया गया।

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति में स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है। विशेष पर गंगा स्नान और गंगाजल के आचमन से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या पर गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से कई लाख गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं, स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री दक्षिण काली मंदिर में नवरात्र उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। लोक कल्याण के लिए आचार्य महामंडलेश्वर नौ दिनों तक मां भगवती का विशेष अनुष्ठान करेंगे। इसमें भक्त शाम छह बजे से सात बजे तक विशेष आरती और दर्शन पूजन कर सकेंगे।

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