अयोध्या तीन दिनों तक चलने वाला यह आलोक पर्व न केवल श्रद्धा का उत्सव होगा, बल्कि विश्व को यह संदेश भी देगा कि राम की नगरी केवल इतिहास नहीं, जीवंत अध्यात्म है।

अयोध्या फिर से स्वर्णिम अध्याय लिखने को तैयार है। दीपों की पंक्तियां सड़कों से लेकर घाटों तक सज रही हैं। मानो हर दीया रामलला के स्वागत का निमंत्रण पत्र हो। आज से आरंभ हो रहे तीन दिवसीय दीपोत्सव में अयोध्या अपने पूर्ण भव्य शृंगार में नजर आएगी। सरयू तट पर जगमगाने वाले 28 लाख दीपों के बीच इस बार तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
लेजर शो, ड्रोन शो और प्रोजेक्शन मैपिंग रामकथा के प्रसंगों को सजीव करेंगे, जैसे आकाश स्वयं श्रीराम के आगमन की कथा सुना रहा हो। ये आयोजन शुक्रवार से शुरू हो जाएंगे। विदेशी कलाकारों की रामलीला भी इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। 18 व 19 अक्तूबर को रामकथा पार्क सहित अन्य मंचों पर विदेशी कलाकार रामकथा का मंचन करेंगे। जहां भिन्न भाषाओं में एक ही भाव प्रतिध्वनित होगा “जय श्रीराम”। नगर की सड़कों पर पुष्पों की वर्षा, मंदिरों में गूंजते मंगल गीत, और गलियों में झिलमिलाती रोशनी अयोध्या को साक्षात स्वर्ग का रूप देंगी।
तीन दिनों तक चलने वाला यह आलोक पर्व न केवल श्रद्धा का उत्सव होगा, बल्कि विश्व को यह संदेश भी देगा कि राम की नगरी केवल इतिहास नहीं, जीवंत अध्यात्म है। छोटी दीपावली पर 19 अक्तूबर को 28 लाख दीपों से राम की पैड़ी को आलोकित कर विश्व कीर्तिमान बनाने की पूरी तैयारी है। अयोध्या का भव्य शृंगार रामचरित मानस की पंक्ति अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानि…को चरितार्थ करती नजर आ रही है। साकेत कॉलेज से रामकथा पार्क और सरयू घाटों से लेकर राम की पैड़ी की शोभा देखते ही बन रही है। देर शाम होते ही अयोध्या की भव्य सजावट देखने के लिए श्रद्धालु व स्थानीय लोग उमड़ रहे हैं।