संस्कृत को आमजन की भाषा बनाने के लिए सबसे पहले खुद को संस्कृत में वार्तालाप करने की आदत डालने के लिए विभागों में प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया है। 15 दिन के इस अभियान में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, संस्कृत शिक्षा परिषद व निदेशालय के लगभग 55 अधिकारी-कर्मचारी आपस में संस्कृत भाषा में ही बातचीत करेंगे। सोमवार को उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सभागार में अभियान का शुभारंभ किया गया। जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से संस्कृत भाषा में ही आपस में बात करने का संकल्प लिया गया। अकादमी के सचिव डॉ. वाजश्रवा आर्य ने कहा कि भाषा का ज्ञान बोलने से होता है, इसलिए, अभ्यास की आवश्यकता है, संस्कृत भाषा से अनेक भाषाओं का उद्भव हुआ। इसलिए संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी कहा गया है। कहा अकादमी परिसर में स्थित सभी कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारियों सहित चालक, परिचारक, सुरक्षाकर्मी व उद्यान रक्षक भी संस्कृत भाषा में बोल-चाल करने का प्रशिक्षण लेंगे।