पर्यटन विभाग का अनुमान है कि प्राण प्रतिष्ठा के दो से तीन सालों में यहां रोजाना तीन लाख पर्यटक व श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस हिसाब से इस दौरान लगभग 20 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।

रामलला का मंदिर अयोध्या में आर्थिक प्रगति की नई कहानी लिखेगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाद रामनगरी देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का नया मॉडल बनेगी। पर्यटन विभाग का अनुमान है कि प्राण प्रतिष्ठा के दो से तीन सालों में यहां रोजाना तीन लाख पर्यटक व श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस हिसाब से इस दौरान लगभग 20 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
बीएचयू से संबद्ध कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर व उनकी टीम ने पर्यटन विभाग के आंकड़ों के आधार पर जो आर्थिक मॉडल तैयार किया है, उसके हिसाब से हर पर्यटक औसतन तीन हजार रुपये खर्च करता है। यानी 20 करोड़ पर्यटक कुल मिलाकर छह लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगे। यह रकम भारतीय रेलवे के 2022-23 के वार्षिक बजट से आठ गुना अधिक (73.671 करोड़ रुपये) और मनरेगा को 5 साल से अधिक समय तक वित्तपोषित करने के लिए पर्याप्त है। सरकार राममंदिर निर्माण से लेकर पूरी अयोध्या को नव्य, भव्य व दिव्य बनाने के लिए सरकार 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।