प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से चुने गए धर्म सांसद दिल्ली की तर्ज पर काशी में तैयार हो रहे ‘धर्म संसद भवन’ में बैठकर हिंदू हितों के मुद्दों को विचार मंथन के बाद निर्णय लेंगे। काशी के विशाल धर्म संसद भवन में 543 संसदो के बैठने की व्यवस्था होगी।
संगम की रेती पर हुई धर्म संसद के मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए संतों की ओर से अभियान तेज कर दिया गया है। ‘हिंदू राष्ट्र भारत’ सहित सनातन धर्म से जुड़े अन्य संकल्पों को क्रियान्वित करने के लिए अब सांसद की तर्ज पर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक ‘धर्म सांसद’ चुना जाएगा, जिसे उस संसदीय क्षेत्र की समस्त हिंदू जनता मतों के आधार पर निर्वाचित करेगी। धर्म सांसदों की आयु सीमा 25 वर्ष से अधिक जबकि मतदाताओं की आयु 16 वर्ष से अधिक होगी।
प्रयागराज की धर्म संसद के बाद धर्म संसद संचालन समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि भारत के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित होकर पहुंचने वाले 543 धर्म सांसद, हिंदू राष्ट्र में लागू समस्त विधियों का प्रतिपादन करेंगे।
प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से चुने गए धर्म सांसद दिल्ली की तर्ज पर काशी में तैयार हो रहे ‘धर्म संसद भवन’ में बैठकर हिंदू हितों के मुद्दों को विचार मंथन के बाद निर्णय लेंगे। काशी के विशाल धर्म संसद भवन में 543 संसदो के बैठने की व्यवस्था होगी। और तो और इसके लिए काशी में जगह भी चयनित कर ली गई है।
धर्म संसद संचालन समिति के संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने स्पष्ट किया कि देश भर से चुने गए 543 धर्म सांसद हिंदुओं की ओर से ही निर्वाचित होंगे। तय प्रावधानों के अनुसार हिंदू राष्ट्र में कोई भी मठ मंदिर राजकीय नियंत्रण में नहीं होगा।
साथ ही प्रत्येक छात्र के लिए वैदिक ज्ञान अनिवार्य होगा। जहां तक हिंदू राष्ट्र के निर्माण की राजकीय मान्यता का प्रश्न है तो इसके लिए गांव-गाव जाकर प्रत्येक हिंदू का द्वार खटखटाकर उसे अभियान से जोड़ा जाएगा।
देश में अविलंब लागू हो समान नागरिक संहिता