पदयात्रा मार्ग पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अब यहां ना कोई फेरीवाला नजर आ रहा है और ना ही दुकानदारों में पहले की तरह उत्साह दिख रहा है।

People appealed to Saint Premanand regarding padyatra

वृंदावन में जो मार्ग पहले गुलजार रहा करता था, आज वहां सन्नाटे का दृश्य लोगों को चिंतित कर रहा है। जहां एक और दुकानदार परेशान हैं, तो वहीं रोजाना फेरी लगाने वाले भी। क्योंकि अब यहां से संत प्रेमानंद महाराज का निकलना नहीं हो रहा है। 

पिछले दिनों एनआरआई सोसायटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की यात्रा में आतिशबाजी और बजने वाले ढोल का विरोध किया था। इस बात की जानकारी होने पर संत प्रेमानंद ने इस रास्ते से निकलने वाली पैदल यात्रा को ही स्थगित कर दिया था। पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई है।

पदयात्रा बंद होने की सूचना पर भक्तों में आक्रोश व्याप्त हो गया। भक्तों ने अनुरोध किया तो संत प्रेमानंद महाराज ने यात्रा का रास्ता और समय दोनों में परिवर्तन कर दिया। अब यहां के दुकानदार और फेरी लगाने वाले चिंतित हैं। उनका कहना है कि संत प्रेमानंद की पैदल यात्रा के कारण यहां लोगों की आवाजाही रहती थी, लेकिन पदयात्रा बंद होने के लिए उनकी कमाई बेहद कम हो गई। फेरी लगाकर सामान बेचने वाले भी अब यहां नजर भी नहीं आ रहे हैं।

वहीं शनिवार को पदयात्रा निकलने वाले मार्ग पर ब्रज के वासी एकत्रित हुए। यहां से महाराज के आश्रम गए। भले ही उनकी महाराज से भेंट नहीं हो पाई, लेकिन उन्होंने महाराज को अपना संदेश जरूर भेज दिया । सभी ने एक स्वर में मांग करते हुए कहा कि महाराज इसी मार्ग से अपनी पदयात्रा सुचारू रखें। 

लोगों ने कहा कि एनआरआई सोसाइटी में रहने वालों ने किसी विद्वेष भावना के तहत यह काम किया है। महाराज ने लोगों के जीवन में ही परिवर्तन कर दिया वह किसी को क्या परेशान करेंगे। वह खुद बीमार होते हुए भी राधा नाम की अलख जगा रहे हैं। 

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