वृंदावन के संत का अपहरण कर 60 लाख रुपये खाते में डलवा लिए गए। इस मामले में एडीजे एफटीसी (द्वितीय) विनय कुमार की कोर्ट ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Two people who kidnapped a saint were sentenced to life imprisonment, one was acquitted

वृंदावन परिक्रमा मार्ग स्थित आश्रम में लूटपाट के बाद संत का अपहरण कर 60 लाख रुपये खाते में डलवाने वाले दो अभियुक्तों को एडीजे एफटीसी (द्वितीय) विनय कुमार की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 45-45 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जबकि तीसरे को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

3 जनवरी 2012 को वृंदावन परिक्रमा मार्ग स्थित सेवा मंगलम बैरागी बाबा आश्रम के सामने रहने वाले गोविन्दा नंद तीर्थ वैद्य के पास से दवाई लेकर आश्रम पहुंचे। आश्रम के कमरे में पहले से ही कुछ लोग बैठे थे। उन्होंने संत को बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट करते हुए आश्रम की चाबियां छीन लीं। आश्रम के मंदिर में मौजूद ठाकुर जी का समस्त सोने का शृंगार, जिसका वजन करीब 40 तोला था, लूट लिया। इसके अलावा आश्रम में रखे लाखों रुपये भी उन लोगों ने लूट लिए।

इसके बाद उन्हें नशीला पदार्थ खिला कर अज्ञात स्थान पर ले गए। संत ने कोलकाता में रहने वाले अपने शिष्य से 60 लाख रुपये बदमाशों के विभिन्न बैंक खातों में डलवाए। संत ने घटना में शामिल अपने ड्राइवर सहित पांच लोगों के खिलाफ वृंदावन कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 2021 में संत के ड्राइवर सहित दो लोगों को कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है।

इस मामले में हाथरस के थाना सादाबाद निवासी सुरेश पहलवान, आगरा के थाना सिकंदरा स्थित गांव अडूस निवासी अशोक पहलवान और थाना सादाबाद के गांव मीरपुर निवासी गोविंदा को पुलिस ने 2023 में गिरफ्तार किया। कोर्ट ने सोमवार को सुरेश पहलवान और गोविंदा को संत का अपहरण करने, आश्रम में लूटपाट करने तथा विभिन्न बैंक खातों में 60 लाख रुपये डलवाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 45-45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि साक्ष्य के अभाव में अदालत ने अशोक पहलवान को बरी कर दिया है।

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