महान संत थे ब्रह्मलीन प्रेमानंद सरस्वती- चिदविलासानंदचिदविलासानंद संतों ने ब्रह्मलीन प्रेमानंद सरस्वती को दी श्रद्धांजलि हरिद्वार।
ब्रह्मलीन प्रेमानंज सरस्वती की 33वीं पुण्यतिथि पर सिद्ध पीठ आनन्द वन समाधि में श्री शाम्भव योग पीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संत समाज ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री ने कहा कि गौरवशाली गुरु शिष्य परंपरा के संरक्षक के रूप में संतों ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया है। कहा कि विद्वान तथा विलक्षण प्रतिभा के धनी ब्रह्मलीन प्रेमानन्द सरस्वती ने अपना संपूर्ण जीवन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए समर्पित किया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव नमन करता है।
महामंडलेश्वर चिदविलासानंद ने कहा कि वास्तव में महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। राष्ट्र कल्याण के लिए उनकी शिक्षाएं अनंतकाल तक समाज का मार्गदर्शन करती हैं। स्वामी देवानंद सरस्वती ने कहा कि सुयोग्य गुरु को ही योग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। ब्रह्मलीन प्रेमानंद सरस्वती के शिष्य पूर्व राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा ने कहा कि ब्रह्मलीन प्रेमानंद सरस्वती एक युगपुरुष थे। एक तपस्वी और महान संत के रूप में उन्होंने अपने जीवनकाल में भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित किया।
श्रद्धांजलि देने वालों में महामंडलेश्वर रामानुज सरस्वती, स्वामी आत्मानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी अनंतानंद गिरी आदि शामिल रहे।